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सोमवार, नोव्हेंबर १४, २०२२

माझं गोड बालपण (अष्टाक्षरी)

आठवलं आज मला
माझं गोड  बालपण
प्रेम   भाव  निरागस
जणू   केळं शिकरण।।१।।

स्वप्न    दुनियेत    रमे
जणू  छान  परीराणी
खेळतांना गाऊ आम्ही 
गोड   सुमधूर  गाणी।।२।।

बसायला   होती  एक
शुभ्र पंखांची हो गाडी
ओढायला होती छान
दोन  हरणांची   जोडी।।३।।

मन   उद्यानी   बागडे
छान   ग्   फुलपाखरू 
सप्तरंगी       दुनियेत
उडायचे     भिरभिरू।।४।।

साय    दुधावरची  हो 
आजी आजोबांची माया  
प्रेम, माया   सावलीत 
खुलायची माझी काया।।५।।

खेळताना    होत  असे
आम्हा  मैत्रिणींची गट्टी
धावताना      पडताना
क्षणोक्षणी  कट्टी   बट्टी।।६।।

सरसर     येता    सरी
झेलायचो      हातावर
पावसांत    भिजतांना
हर्ष   होई      अनावर।।७।।

करायचो    आळवणी
आम्ही  भोलानाथाला
तळे  साचू  दे  शाळेत
सुटी मिळू दे आम्हाला।।८।। 

*आज येता  बालदिन*
आठवलं      बालपण
नेहरुंना    करीते    मी 
विनम्रसे   अभिवादन !।९।।।

©®सौ पुष्पा पटेल "पुष्पम्"

देवा...

देवा,एक धागा सुखाचा  तू दिला रे माझ्या हाती उजेड देण्या सृष्टीला... वळीन मी जन्मभर वाती © सौ.पुष्पा पी.पटेल